क्षेत्रीय भाषा केंद्र

शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार

भारतीय भाषा संस्थान (सीआईआईएल), मैसूर

निदेशक संदेश

प्रो. शैलेन्द्र मोहन

निदेशक- भारतीय भाषा संस्थान

दूरभाष संख्या : +91 821 2345000, +91 821 2345006

फैक्स संख्या : +91 821 2515032

ई-मेल : director-ciil@gov.in


भारत सरकार द्वारा भारतीय भाषाओं के विकास हेतु 17 जुलाई 1969 को भारतीय भाषा संस्थान (सीआईआईएल) की स्थापना की गई। अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए संस्थान अपनी स्थापना से ही सतत रूप से प्रयासरत है। संस्थान की स्थापना भारत के सभी राज्यों में त्रिभाषा सूत्र को लागू करने और फलस्वरूप राष्ट्रीय अखंडता और सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करने के लिए हुई थी। इसके परिणामस्वरूप कर्नाटक, ओडिशा, पंजाब, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और असम में क्षेत्रीय भाषा केंद्र स्थापित किए गए। सीआईआईएल इन सभी केंद्रों में प्रति वर्ष दस महीने का भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास करता है। इस पहल को देश भर में भाषा अधिगम हेतु उत्साही व्यक्तियों द्वारा व्यापक रूप से स्वीकृति मिली और यह आवश्यक शिक्षा के संचार में सफल रहा है। भारत की भाषायी विविधता के कारण उन शिक्षको की मांग हमेशा रहती है जो क्षेत्रीय भाषाओं को पढ़ा सकते हैं और शिक्षण-अधिगम सामग्री तैयार कर सकते हैं। समय की मांग है कि नागरिकों के मध्य द्विभाषिकता/बहुभाषिकता को संरक्षित किया जाए और अखिल भारतीय स्तर पर क्षेत्रीय भाषा केंद्र इसमें महती भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। द्वितीय भाषा अधिगम के लाभों से सामाजिक और अकादमिक जगत् अवगत हैं और वे इसे स्वीकार भी करते हैं। मैं विशेष रूप से आम जनता के बीच से आने वाली महिलाओं और युवाओं को, शैक्षणिक समुदाय के वर्तमान व संभावित शिक्षकों को इस दस महीने के भाषा पाठ्यक्रम हेतु आवेदन करने और इस सुअवसर का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ।

द्वितीय भाषा अथवा विदेशी भाषा के रूप में भारतीय भाषाओं का शिक्षण, माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों को अधिक भाषा विकल्प उपलब्ध कराने हेतु माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को उनकी मातृभाषा के अतिरिक्त अन्य भाषाओं में प्रशिक्षण, अंतर-भाषा अनुवाद जैसी गतिविधियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति की विविधता के निर्माण में योगदान देने वाली जागरूकता को जगाने की आवश्यकताओं के आधार पर सामग्री सृजन एवं शिक्षण संबंधी रणनीतियों के निर्माण का दायित्व अब क्षेत्रीय भाषा केंद्रों पर है। क्षेत्रीय भाषा केंद्र ऑनलाइन भाषा पाठ्यक्रम उपलब्ध करायेंगे तथा पाठ्यक्रम संरचना को वर्तमान तकनीकी और भाषा शिक्षण परिदृश्य की मांगों के अनुरूप आवश्यकता आधारित शिक्षा के लिए संशोधित कर लिया गया है।

भारतीय भाषा संस्थान को भाषा कार्यक्रमों, द्वितीय भाषा शिक्षण एवं मातृभाषा शिक्षा के क्षेत्र में परामर्श सेवा प्रदान करने हेतु विभिन्न शैक्षणिक निकायों और संस्थानों से अनेक अनुरोध प्राप्त हुए हैं और हमारा संस्थान इन सेवाओं को प्रदान करने के संबंध में एक सर्व-समावेशी उपागम को अपनाने के लिए सक्रियता से विचार कर रहा है। क्षेत्रीय भाषा केंद्र न सिर्फ विद्यालयों के शिक्षाशास्त्रीय उपागमों की निगरानी और उसका समाकलन करेंगे अपितु सेवारत शिक्षकों को शैक्षणिक परामर्श भी प्रदान करेंगे। ये भाषा मूल्यांकन, परीक्षण, पाठ्यचर्या निर्माण, पाठ्यपुस्तक लेखन एवं चयन से संबंधित विषयों पर भारत के सभी राज्यों को दिशा-निर्देश देने हेतु आवश्यक उपाय भी करेंगे। विद्यालय की पाठ्यचर्या की प्रोक्ति के सतत् परिवर्धन के लिए क्षेत्रीय भाषा केंद्र सामग्री विकास एवं मूल्यांकन के लिए कार्यशालाओं के आयोजन और संचालन की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, क्षेत्रीय भाषा केंद्र भारतीय भाषाओं के ऑनलाइन शिक्षण के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु एक संरचनात्मक रूपरेखा के निर्माण के लिए भी कार्यक्रम कर रहे हैं।